लेखनी कहानी -02-Dec-2023
.......गुफ्तगू......
बात तो करनी है तुझसे
पर,शुरू करूं कहां से !
लफ्जों को ढूंढ रही हूं
क्या कहूं यही सोच रही हूं
ज़िंदगी के नये रंग बताऊं
या लड़खड़ाते जमी पर पाव दिखाऊं
ख्वाबों को ढूंढती नजरें बताऊं
या हाल लिखती कलम दिखाऊं
बात तो करनी है तुझ्से
हौसले से उड़ती उड़ान बताऊं
या कसमसाती हुई धड़कन बताऊं
बात तो करनी है तुझ्से
अक्सर शाम डराती है मुझे
जिंदगी भी भगाती है मुझे
ठहरने की अब आदत नही मुझे
करूं क्या कल की बात तुझसे
बात तो करनी है तुझसे
पर,शुरू करूं कहां से..
.................................
नौशाबा जिलानी सुरिया
Reena yadav
02-Dec-2023 06:44 PM
कविता के लिए कविता श्रेणी का ही चयन करें
Reply
Reena yadav
02-Dec-2023 06:43 PM
👍👍
Reply
Naushaba Suriya
02-Dec-2023 11:48 PM
Shukriya 🙏
Reply